योगा मे वज्रासना का बड़ा अहम रोल है। यह एक ऐसा आसन है जिसे करने में कोई मेहनत नहीं लगती है। आप इसे कही भी कभी भी आसानी से कर सकते हैं। खाना खाने के बाद आप इस आसन को करते है तो आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है। इसके अलावा आपका तनाव भी शरीर पर वसा जमाने के प्रमुख कारण है। शरीर पर जमा वसा न केवल बेकार दिखता है बल्कि इससे कई बीमारियां होने का ख़तरा भी रहता है। मोटे शरीर वाले लोगों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना ज्यादा रहती है। इन सब परेशानियों से निजात पाने के लिए अगर आप एक घंटा भी वज्रासन योग कर लें तो कई फायदे होंगे। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं वज्रासन योग कैसे करें: विधि, लाभ एवं सावधानियां – Vajrasana steps and benefits in Hindi.
वज्रासन योग विधि – Vajrasan Yoga in Hindi
वज्रासना एक ऐसा आसन है जिसको कोई भी कर सकता है। इस आसन का पूरा लाभ पाने के लिए खाने के 10 मिनट के बाद इसको करना स्वास्थय के लिए बेहतरीन होता है। आप जो भी खाना खाते है वह जल्दी ही हजम करने के लिए वज्रासन बहुत ही लाभकारी होता है यह वजन घटाने के प्रोसेस के लिए हेल्पफुल साबित होता है।
Step 1: अपने पैरों को ज़मीन पर फैलाकर बैठ जाए और हाथों को शरीर के बगल रखें।
Step 2: दाहिना पैर को घुटने से मोड़ें और इसको दाहिने कूल्हे के नीचे रखें।
Step 3: इसी तरह से बाएं पैर को मोड़ें और अपने बाएं बतक के नीचे लाएं।
Step 4: अपने एड़ी को इस तरह से एडजेस्ट करें कि आप के पैर की बड़ी उँगलियाँ एक दूसरे को ओवरलॅप करें।
Step 5: अपने नितम्बों को एड़ियों के बीच में रखे।
Step 6: हाथों को रिलेटेड घुटनों पर रखें और अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
Step 7: जब इस पोज़िशन में आते है तो कोशिश करें अपने आँखो को बंद करने का।
Step 8: पहली पोज़िशन में आने के लिए पहले अपने दाहिने पैर को आगे लेकर आए फिर बाए को।
वज्रासन करने से लाभ – Benefits of Vajrasana in Hindi
1- यह पेट और गर्भाशय की मांशपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। यह आसान महिलाओ के शिशु जन्म में मददगार है।
2- जो लोग अपचन की समस्या से पीड़ित है उन्हें वज्रासन करना चाहिए। भोजन करने के बाद इस आसन को करने से ज़्यादा फायदा पहुँचता है। यह आसन पाचन क्रिया को ज़्यादा बेहतर बनाता है।
3- वजन को कम और शरीर को सुडौल बनाने में मददगार है।
4- साइटिका और रीढ़ के निचले भाग और पैरो के तनाव को इस आसान के ज़रिए दूर किया जा सकता है।
5-नियमित तौर पर वज्रासना का अभ्यास जोड़ों के दर्द और गठिया जैसे रोगों को दूर रखने में मददगार है।
6- हर्निया के रोगों के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी है।
7- ध्यान और साँस लेने के व्यायाम आम तौर पर वज्रासन की अवस्था में किया जाता है। इस पोज़िशन में आप साँस भी गहरी ले सकते हैं और अच्छी तरह से ध्यान भी लगा सकते हैं।
8- पेशाब की समस्या का उपाय वज्रासना योग है। इसके अलावा इससे यौन अंगो को शक्ति मिलती है।
वज्रासन में सावधानियां
- अगर कोई पाईल्स से समन्धित समस्या हो तो उन्हे इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- वारिकोज नशो वाले को भी इस आसन से परहेज करना चाहिए।
- जिनके जाँघ बहुत मोटे हों उन्हें इस आसन से दूर ही रहना चाहिए।
- जिनका घुटना कड़ा हो उन्हे वज्रासन नहीं करनी चाहिए।