कहा जाता है कि योग की शुरुवात भारत में पूर्व-वैदिक काल में हुई है। योग के बहुत लाभ है योग करने से नकारात्मक सोच दूर होकर सकारात्मकता आती है। आज हम बात करते है मत्स्यसना योगा की जिसका मतलब होता है मछली। इस योग को करते समय हमारा शरीर मछली की तरह होता है इसलिए इसे हम मत्स्यसना कहते है। यह आसन चेस्ट को चौड़ा और स्वस्थ बनता है। जो लोग मत्स्यसना करते है वे बिना हीले-डुले घंटो पानी में तैर सकते है। जिन लोगों को कमर दर्द और गले से समन्धित समस्याएं है उन्हें यह आसान ज़रूर करना चाहिए। जानिए मत्स्यासन योग कैसे करें: फायदे एवं सावधानी – Matsyasana Steps & Benefits in Hindi.
मत्स्यासन योग विधि – Matsyasana Yoga in Hindi
Step 1: मत्स्यासन अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आपको पद्मासन में बैठना पड़ेगा।
Step 2: अब पीछे की ओर झुके और लेट जाएँ।
Step 3: अब आप अपने दोनों हाथों को एक दूसरे से बांधकर सिर के पीछे रखें और पीठ के हिस्से को उप्पर उठाकर गर्दन मोड़ते हुए सिर के उप्परी हिस्से को ज़मीन पर टिकाए।
Step 4: अब अपने दोनों पैर के अंगूठे को हाथों से पकड़े और ध्यान रहे की कोहनियां ज़मीन से सटी हुई हों।
Step 5: एक से 5 मिनट तक एक्सरसाइज करें।
Step 6: इस अवस्था से कम से कम 5 सेकेंड तक रुकें और फिर पहली अवस्था में वापस आ जाए।
Step 7: यह आसन करते टाइम साँस की गति नियमित रखें और 5 मिनट तक इस योगा का अभ्यास कर सकते है।
मत्स्यासन करने से लाभ – Matsyasana Benefits in Hindi
1- मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।
2- मत्स्यासना योग के नियमित एक्सरसाइज से छाती और पेट के रोग दूर होते है।
3- यह योगा दमे के रोगियों के लाभकारी है।
4- इसके नियमित अभ्यास से महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं।
5- यह सुध रक्त का निर्माण और संचार करता है।
6- मत्स्यासन योगा को रोजाना करने से छाती और पेट के रोग दूर होते है।
7- यह कब्ज दूर कर भूख को बढ़ाता है और भोजन को पचाता है, पेट की गैस दूर करता है।
8- जो लोग अपना पेट को कम करना चाहते है उनके लिए यह योग बहुत ही फायदेमंद है।
मत्स्यासन योग में सावधानियां
- जिन लोगों का ब्लड प्रेशर ज़्यादा या कम रहता है वी लोग इस योग को न करें।
- हर्नियां और पेप्टिक अल्सर से पीड़ित रोगी इस योग को नही करें।
- माइग्रेन और अनिंद्रा से पीड़ित व्यक्ति इस योग को नहीं करें।
- घुटनों और रीढ़ की हड्डी में परेशानी वाले व्यक्ति इस योग को नहीं करें।
- इस योग को शुबह खाली पेट ही करें।
- 14 साल से कम उम्र वाले बच्चे इस आसन के अंतिम छणों में रुके नहीं।
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Nice bahut Achchhi janakari di apne thankyou