बहुत से लोग इतने व्यस्त हैं की उन्हें एक समय खाना-सोने का समय नहीं है। वहीँ दूसरी तरह कई लोगो के पास कोई काम धंधा न होने के कारण आलस्य (aalsya) से परेशान हैं। वे अपनी निजी ज़िन्दगी से परेशान होकर किसी भी काम में रूचि नहीं रखते हैं। उन्हें हर समय थकान और नींद आने लगती है। इसलिए वे पूरी तरह सशक्त नहीं होते जिससे उनको एक positive way मिले जिससे वे भी आगे ज़िन्दगी में कुछ कर सकें और ज़िन्दगी सफल बना दें। अगर आपको अपने आलस्य को भागना है तो आपके दिमाग को जागरूक होना पड़ेगा। आपको घर के अंदर न रहने के अलावा बहार दुनिया को देखना बहुत जरूरी है। सकारात्मक सोच रखने वालों के साथ रहना और कुछ बनाने का हुनर ही आपको आलस्यपन से दूर कर सकता है। तो आइये हम बताते हैं आलस को कैसे दूर करें (alasya kaise door kare) – आलस्य दूर करने के 11 बेहतरीन तरीके How To Overcome Laziness in Hindi.
आलस्य दूर करने के तरीके – How To Overcome Laziness in Hindi
आलस्य कई प्रकार से आ सकता है। किसी को तो सब कुछ होने के बापजूद भी आलस्य आता है और किसी के पास कुछ न करने से आलस्य आता है। कभी-कभी ये नकारात्मक सोच भी हमें आलसी बना देती है। एक सकारातमक सोच आपको आलस्यपन से दूर कर सकती है बस आपको कुछ बनाने का हुनर होना बहुत जरूरी है। ये कुछ best तरीके हैं जिनकी मदद से आप अच्छा महसूस करेंगे।
सकारात्मक सोच
एक सकारातमक सोच ज़िन्दगी को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाता है। अगर आपकी सोच positive है तो आपको न तो आलस्य आएगा और न ही नींद बस कुछ करने की सोच आएगी। सकारात्मक सोच लाने के लिए लिए आप ऐसे लोगों के बीच जाएँ जो Positive thinking रखते हों और वही बात करते हों। इससे आपके अंदर भी एक ज्वाला आएगी और आप भी कुछ बनाने के लिए तैयार रहेंगे। आलस्य को निकलने के लिए आपको घर के अंदर से निकलकर बाहर देखना चाहिए, कि कौन कितनी मेहनत कर रहा है और कैसे ज़िन्दगी को आगे बढ़ाया जाता है।
एक हुनर
कहते हैं कि अगर व्यक्ति कुछ करने की थान लेता है तो कोई भी समस्या उसके आगे पीछे नहीं आती हैं। अगर कोई छोटी-मोटी परेशानी आ भी जाये तो वह चकित नहीं होता है बल्कि कुछ करने की सोचता है। इसी तरह अगर आपको आलस्य को दूर करना है तो जागो जागो और अपने हुनर को जगाओ। कुछ कर दिखने का समय है यह सुस्त और सोने का नहीं। इससे आपके अंदर एक नयी ऊर्जा आएगी।
सुबह की सैर
सुबह की सैर में बहुत ताकत होती है, यह शरीर के आलसीपन को दूर करने और एक नयी सोच लेन में बहुत महत्वपूर्ण है। 5 बजे अपने बिस्तर से निकलें और बाहर खुली हवा में जाएँ। नंगे पाँव हरी घास में चलें। इससे आपको उप्पर नीचे दोनों तरफ से नमी मिलेगी जो की बंद कोशिकाओं के लिए बहुत आवश्यक है। इसके अलावा आप meditation कर सकते हैं। यह हमें आंतरिक रूप से साफ़ और शुद्ध करता है।
व्यायाम और योग
व्यायाम हो या योग हमारे शरीर के लिए असरदार होते हैं ये न सिर्फ हमारे शरीर को निरोगी रखते हैं बल्कि आलस्य से दूर भी करते हैं। आलस्य ज्यादातर तब होता है जब हम लम्बे समय तक बिस्तर पर सोएं रहें, या रात भर जागते रहें। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 7 घंटे सोना जरूरी है। इससे आपको आलस्य का अनुभव नहीं होता है। जो लोग रोजाना शुबह शाम व्यायाम या योग करते हैं तो वे अंदर से फिट रहते हैं और आलस्य डर से hi भाग जाता है।
खुद को प्रेरित रखें
कोई भी व्यक्ति आलस्य से इसलिए भरा रहता है क्यूंकि उसे motivation की कमी होती है। आपको खुद प्रेरित होना पड़ेगा इसके लिए आप Motivational Quotes, Motivational kitaben पढ़ सकते हैं। इससे आपके दिल भी कुछ करने का सोचेगा और आपको एक जूनून मिल जायेगा की मैं भी कुछ कर सकता हूँ। आप अपने काम को बढ़ावा देने या अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के महत्व के बारे में पुष्टि, visualization और सोच के माध्यम से अपनी प्रेरणा (Motivation) को मजबूत कर सकते हैं।
एक नयी सोच
बहुत से लोग बस काम का नाम सुनते ही ढीले हो जाते हैं, अभी काम शुरू भी नहीं किया और शरीर में Negative thoughts आने लगते हैं। चाहे काम छोटा ही क्यों न। आपको risk तो लेना ही चाहिए जिससे आप इस आलस्य से बहार निकल पाएं। इससे आपका experience बढ़ेगा और आगे कोई भी कार्य आये तो आप उसे आसानी से कर सकते हैं। अगर काम बड़ा कठिन भी है तो उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और फिर आसानी से करें।
खान-पान संतुलित करें
आलस्य हमारे द्वारा भारी भरकम और असंतुलित खाने से भी होता है। हमें अगर चार रोटियों की भूख लगी है तो हम एक और ज्यादा खा लेते हैं। इससे हमारा शरीर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और यह अनावश्यक भोजन हमारे आलस्यपन को ज्यादा बढ़ता है। याद रखे अगर आपको चार रोटियों की भूख है तो आप तीन ही खाएं। शुबह का नाश्ता सही लें दिन और रात को शुबह से कम खाएं।
परिणामों के बारे में मत सोचे
बहुत बार ऐसा होता है कि हम किसी भी काम के रिजल्ट के बारे में सोचने लगते हैं और सोच नेगेटिव हो तो व्यक्ति का दिल और मन उस कार्य से हट जाता है परिणामस्वरूप काम करने का दिल नहीं करता है और आलस्य भारी होने लगता है। इसलिए किसी भी काम के अंत को नहीं सोचे और पूरी हिम्मत के साथ डटे रहें। ऐसा कौन सा कार्य संभव नहीं है जो मनुष्य ने नहीं किया हो। बस एक सकारातमक सोच।
किसी भी कार्य को लगातार न करें
आप सब भी जानते हैं कि अगर आपको रोजाना एक ही दाल खाने को मिले तो आप bore तो होंगे ही और साथ में आपकी भूख भी कम होने लगेगी। इसी तरह अगर आप रोजाना एक ही काम करते रहेंगे तो आपको उस कार्य को करने में रूचि नहीं रहेगी और आलस्य आना शुरू हो जायेगा। इसलिए एक ही काम को रोजाना न करके थोड़ा बीच-बीच में ब्रेक और रेस्ट भी लें। या किसी दिन कुछ नया करें। इसके अलावा हफ्ते में कही बहार घूमने भी जाएँ। इससे दिमाग साफ और नए विचार आते हैं।
अपना लक्ष्य (Goal) सेट करें
हर किसी व्यक्ति का अपना एक लक्ष्य होता है अगर आपका नहीं है तो बना लें। आलस्य को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जैसे ही आपको आलस्य आये आप अपने लक्ष्य को याद करें। यकीन मानिये आपका आलस्य तुरंत ही दूर हो जायेगा और आप फिर से अपने लक्ष्य के लिए कुछ करना शुरू कर देंगे।
समय ही पैसा है (Time is Money)
यह सबको पता है कि समय हमारे लिए कितना कीमती है। एक समय में आदमी क्या से क्या कर सकता है जो कि हम इस आलस्यपन से वास्ते करते जाते हैं। यह सोचकर चलें की जितना आप time ख़राब कर रहे हैं उतना ही आप अपनी ज़िन्दगी के पैसो को खर्च कर रहे हैं। अब सोच लो पैसा चाहिए तो समय बर्बाद मत करो और कुछ करने की सोच लो। यकीन के साथ कह सकते हैं की आप lazy person से active person बन जाओगे और आपका आलस्य बहुत दूर चला जायेगा।
तो दोस्तों ये हैं आलस्य को भागने के बेहतरीन tips, अगर आपको कुछ और प्रश्न हो तो आप बेझिझक नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं। हमारे साथ जुड़ने के लिए हमारे Facebook Page को Like करें और अपने दिन को और सुन्दर बनायें।