माँ पर शायरी हिंदी में: माँ शब्द सब अब के लिए बहुत ही अनमोल है, एक माँ ही है जो हमारे जिंदगी की सबसे अहम हिस्सा होती है। इस संसार में माँ के जैसे प्यार हमे कोई और नहीं दे सकता, माँ का प्यार निस्वार्थ भावना से होता है एक वो ही है जो हमारे बुरे और अच्छे दिनों में हरदम हमारे साथ होती है।
माँ के लिए प्यारी शायरी
तेरे ही आँचल में निकला Bachpan,
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो Maa सब कहते,
पर मेरे लिए तो है तू Bhagwan।
हमारी माँ कितनी भी गरीब क्यों ना हो फ़िर भी हमें वो हर सुच देती है जितना उस से हो सके। दोस्तों आज मैं आपके साथ माँ पर शायरी हिंदी में शेयर करने जा रहा हूँ, अगर आप अपनी माँ से बहुत प्यार करते है तो उसको से शायरी जररु भेजे।
जब मुझे कहना भी नही आता था,
मेरी माँ तब भी समझ जाती थी,
की मैं क्या कहना चाहता हूँ,
उसका प्यार अटूट है
उस माँ का कभी साथ मत छोड़ना,
जो आपको मेले में खोने के डर से तुम्हारा हाथ तक नही छोड़ती थी !!
उसको हरदम प्यार से रखना
में में छोटा था तो चलते -चलते गिर जाता था तो माँ
कहती थी चुप हो जा बेटा देख चींटी दब के मर गई
अब में जब भी गीरता हूँ तो जमीर
दबा नजर आता है चीटी नही!
हालातों के आगे जब साथ,
न जुबाँ होती है,
पहचान लेती है ख़ामोशी में हर दर्द,
वो सिर्फ प्यारी “माँ” होती है।
मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है।
अगर ख़ुशी नही दे सकते माँ को ,
तो उसे कभी न रुला देना ,
उससे मिले प्यार को तुम ,
कभी भुला न देना !!
स्याही खत्म हो गयी “माँ” लिखते-लिखते
उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी।
तेरे ही आँचल में निकला बचपन,
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो माँ सब कहते
पर मेरे लिए तो है तू भगवन।
इतना दर्द सहा है जिंदगी में ,
वो बातें अब ज़ुबा से बयाँ नही होती ,
कब का टूट कर बिखर चुका होता ,
अगर मेरे साथ मेरी माँ नही होती !!
किसी भी मुश्किल का अब ,
किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई ,
माँ के पैर छूकर नही निकलता !
न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद ये घर-घर नहीं खाली मकान सा लगता है।
तुम क्या उसकी बराबरी करोंगे
वो तूफानों में भी रोटिया सेक देती है ,
और वो माँ है जनाब डरती नही है ,
मुश्किलों को तो चूल्हें में झोंक देती है माँ !!
जब भी बैठता हूँ तन्हाई में मैं तो उसकी यादें रुला देती हैं,
आज भी जब आँखों में नींद न आये तो उसकी लोरियां
मुझे झट से सुला देती हैं।
न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद ये घर-घर नहीं खाली मकान सा लगता है।
उसके रहते जीवन में कभी कोई गम नही होता
दुनिया साथ दे या ना दे पर माँ का प्यार
कभी कम नही होता !!
जब भी मेरे होठों पर झूठी मुस्कान होती है,
माँ को न जाने कैसे छिपे हुए दर्द की पहचान होती है,
सर पर हाथ फेर कर दूर कर देती है परेशानियाँ
माँ की भावनाओं में बहुत जान होती है।
फूल कभी दोबारा नही खिलतें ,
जन्म कभी दोबारा नही मिलते ,
मिलते है लोग हजारों लेकिन
हजारों गलतियों को माफ़ करने
वाले, माँ और बाप दोबारा नही मिलते !
गम हो, दुःख हो या खुशियाँ
माँ जीवन के हर किस्से में साथ देती है,
खुद सो जाती है भूखी
पर और बच्चों में रोटी अपने हिस्से की बाँट देती है।
माँ तो जन्नत का फूल है ,
प्यार करना उसका उसूल है ,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है ,
माँ की हर दुआ कबूल है !!
कैसे भुला दूँ मैं अपने पहले प्यार को
कैसे तोड़ दूँ उसके ऐतबार को,
सारा जीवन उसके चरणों में अर्पण कर दूँ
छोड़ दूँ उसकी खातिर मैं इस संसार को।
लबों पर उसके कभी बदुआ नही होती ,
बस एक माँ है जो कभी ख़फा नही होती ,
इस तरह वो मेरे गुनाहों को धो देती है ,
माँ बहुत गुस्से में होती है तो बस रो देती है
उसकी दुवाओं में ऐसा असर है कि सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते हैं दुःख दर्द सभी, माँ जीवन में चार चाँद लगा देती है।
मुझे माफ़ कर मेरे या Khudaa,
झुक कर करू तेरा सजदा,
तुझसे भी पहले Maa मेरे लिए,
ना कर कभी मुझे maa से जुदा!
आपको मेरे ये माँ पर शायरी हिंदी में कैसे लगाए कमेंट करके जरूर बताये।