प्रेगनेंसी का समय बहुत ही तनाव और चिंतन वाला होता है इसलिए इस समय दिमाग की शांति बहुत जरूरी है। गर्भवस्था के दौरान तन और मन दोनों को शांत रहना बहुत जरूरी है, मन में स्ट्रेस रहने से आपको या आपके शिशु को शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी है किआपको योगा, आसान, प्राणायाम, सूर्या नमस्कार ज़रूर करने चाहिए। ध्यान रखें जो भी योग या प्राणायाम और एक्सरसाइज आप प्रेगनेंसी में करने जा रहे उससे पहले आपको डॉक्टर की सलाह ले लेना ज़रूरी है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे योग आसान बताने जा रहे हैं जिन्हे आप प्रेगनेंसी में कर सकते हैं। आइये जानिए प्रेगनेंसी में कौन से योगा करने चाहिए – Yoga for Pregnant Woman in Hindi करने चाहते जिससे आप और आपके शिशु तंदुरुस्त रहेंगे।
प्रेगनेंसी में कौन से योग करें – Pregnancy Me Kon se Yog Kare
गर्भवस्था के दौरान कौन-कौन से व्यायाम करने चाहिए, गर्भवस्था सावधानी और सुझाव क्या-क्या है। प्रेग्नेन्सी के दौरान किन-किन एक्सर्साइज़ से असुविधा हो सकती है। साथ ही प्रेग्नेन्सी मे फिट रहने के लिए क्या करें। एक्सर्साइज़ से पहले किन बतो का ध्यान रखे। आइए जाने प्रेग्नेन्सी के दौरान कौन से योग करने चाहिए।
तितली आसन – शरीर के लचीलेपन के लिए
तितली आसान को गर्भवस्था के तीसरे महीने से कर सकते है। शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए यह आसान किया जाता है। इसे करने से शरीर के निचले हिस्से का तनाव खुलता है। इससे प्रजनन के दौरान गर्भवती महिला को दिक्कत कम होती है।
कैसे करे- तितली आसान करने के लिए दोनों पैरो को सामने की ओर मोड़कर, तलवे मिला लें, यानी पैरों से नमस्कार की मुद्रा बनानी चाहिए। इसके बाद दोनो हाथों की उँगलियों को क्रॉस करते हुए पैर के पंजे को पकड़े और पैरो को उप्पर नीचे करें। आपकी पीठ और बाजू बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। इस प्रोसेस को 15 से अधिक ना करें।
सावधानी- यदि यह प्रोसेस को करते वक़्त आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता हो तो इसे बिल्कुल ना करें।
श्वसन – मन को शांत करने के लिए
प्रेग्नेन्सी के दौरान स्वशन करने से मन को शांति मिलती है। यह एक बेस्ट प्रेग्नेन्सी योगा है। इस आसान की ख़ासियत यह है की इसे करने से गर्भ मे पल रहे शिशु का अच्छी तरह से होता है।
कैसे करे- इस आसान को करने के लिए बाहर खुली हवा में किसी चटाई पर सीधा लेट जाएँ और अपने हाथ और पैरो को खुला छोड़ दें और फिर पूरी तनावमुक्त हो जाएँ और धीरे-धीरे लंबी साँस लें और फिर छोड़ें।
पर्वतासन – कमर दर्द दूर करे
प्रेग्नेन्सी में पर्वतासन करने से कमर के दर्द से निजाद मिलती है। इसे करने से आगे चलकर शरीर बदौल नहीं होता है।
Kaise Kare – इस आसान को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में आराम से बैठे। इस वक़्त आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए। अब साँस को भीतर लेते हुए दोनो हाथों को उप्पर की ओर उठाए और हथेलियों को नमस्ते की मुद्रा में जोड़ लें। कोहनी सीधी रखें। कुच्छ टाइम के लिए इसी मुद्रा में रहें और तब नॉर्मल पोज़िशन में आ जाए। इस आसन को 2 या 3 से ज़्यादा ना करें।
उस्त्रसना – रीढ़ की हड्डी मजबूती के लिए
इस आसान को रोजाना करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसे करने से रक्त परिसंचरण नियमित रूप से चलता है और एनर्जी लेवल बढ़ता है।
Kaise Kare – उष्ट्रासन करने के लिए ज़मीन पर दरी बिछाकर घुटनों के बाल खड़ी हो जाएँ। अब अपने दोनों घुटनों को मिलाकर और यदि एवं पंजो को मिलाकर रखें। इसके बाद साँस को अंदर खींचते हुए धीरे-धीरे शरीर को पीछे की ओर झुकाएं।
अब दोनों हाथों से दोनों एड़ियों को पकड़ने की कोशिश करें। इस पोज़िशन मे थोड़ी उप्पर की ओर करके रखें और गर्दन को सीधा रखें। आपके दोनों हाथ भी सीधे होने चाहिए। साँस लेते हुए इस पोज़िशन में 30 सेकेंड से 1 मिनिट तक रहें और फिर धीरे-धीरे नॉर्मल पोज़िशन में आ जाएँ।
अनुलोम विलोम – रक्त संचरण को बेहतर बनाने के लिए
गर्भवस्था मे अनुलोम-विलोम आसान से बेस्ट है। इस आसान को करने से ब्लड संचार कंट्रोल में रहता है। प्रेग्नेन्सी में तनावरहित रहने के लिए इस आसान को तो आप ज़रूर करें।
Kaise Kare – इस आसान को करने के लिए सबसे पहले तो सुखासन में बैठ जाएँ। इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से नाक का दया चिद्रा बंद करें और अपनी साँस अंदर की ओर खीचें, फिर उसी हाथ की दो उँगलियों से बाई ओर का चिद्रा बंद कर दें और अंगूठे को हटाकर दायीं ओर से साँस छोड़ें। इस प्रोसेस को फिर नाक के दूसरे चिद्रा से दोहराए।