स्वाइन फ़्लुएंज़ा को स्वेन फ़्लू के नाम से भी जाना जाता है जो की एफ़्लुएंज़ा वाइरस से होता है, यह वाइरस सूअरों के साँस छोड़ने से निकलता है। इस वाइरस में बदलाव होने की छमता होती है और आसानी से लोगो में फैल जाता है। इस समय पर स्वाइन फ़्लू देश में बड़ी तेज़ी से फैल रहा है क्यूंकि हमारे देश के लोग हर जगह पर गंदगी ज्यादा से ज्यादा फ़ैल रही है जिससे बीमारी भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। स्वाइन फ़्लू एक खतरनाक बीमारी है। जिसका सही समय पर उपचार नहीं किया गया तो आदमी की मौत तक हो सकती है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए आपको जरूरी है कि आप इसके लक्षण जान लें जिससे आप इसकी शुरुवात होने से पहले ही इलाज कर पाएं और एक खतरनाक रोग से बच जाएँ। यहाँ हम आपको आज स्वाइन फ़्लू क्या है, इसके लक्षण क्या है, स्वाइन फ़्लू से बचने के उपाय क्या है घरेलू इलाज और देसी आयुर्वेदिक नुस्खे बताने जा रहे हैं। Home remedies and ayuvedic treatment tips for swine flu in hindi.
स्वाइन फ्लू क्या है?
Swain flu H1N1 4 virus वाइरस के मिक्स होने कारण होता है। आम तौर पर इस वाइरस को फैलाने वाले सुवर होते हैं। अभी तक यह बीमारी पशुओं के लिए घातक नहीं था और ना ही इंसानो को एफेक्ट करता था। लेकिन जब से इससे विषाणु निकालने लगे हैं इस फ़्लू ने महामारी का रूप ले लिया है, क्यूंकी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से तेज़ी से फैलता है। जोखिम का विषय यह है की एक नया वाइरस स्ट्रीम बन जाने के कारण कोई भी इससे बचा नहीं है। अगर आप इससे बचना चाहते है तो अपनाइये ये आसान से घरेलू उपाय जिससे आप इस बीमारी को मात दे सकते हैं।
स्वाइन फ्लू से लक्षण – Swine Flu Symptoms in Hindi
हालांकि इसके लक्षण एक नॉर्मल फ़्लू के समान है, मगर लापरवाही बरतने पर यह गंभीर हो सकती है। आम तौर पर इन लक्षणो के प्रति सचेत रहने की ज़रूरत है। जिससे आप इस खतरनाक बीमारी से आसानी से बच सकते हैं। इन लक्षणों को पहचाने और जल्द ही डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- तेज बुखार होने पर।
- गले मे खराश
- ज्यादा सिरदर्द होना
- खांसी
- साँस लेने में दिक्कत
- थकान होना
- पेट दर्द की समस्या
- जोड़ो और मांसपेशियो में दर्द
- नाक का बहना
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय और घरेलू उपचार
ऊपर बताये गए लक्षण जानने के बाद आप हमारे द्वारा बताये जाने वाले घरेलू उपाय को आजमाएं और इस बीमारी से जड़ से ही छुटकारा पाएं।
स्वाइन फ्लू का इलाज गिलोय
गिलोय अधिकतर कई जगहों में पाया जाता है। गिलोय एक लता की तरह हरा होता है जो कि काफी कड़वा होता है। गिलोय की एक फुट लंबी शाखा लें और उसमें तुलसी की 4-5 पत्तियां मिलाकर इसे 10-15 मिनिट तक उबाल लें। जब तक की इसमे इसके तत्व न घुल जाएँ। इसमे स्वादानुसार काली मिर्च, सैंधा नमक या काला नमक और थोड़ा मिश्री मिला लें। इसे ठंडा होने दें और गुनगुने का सेवन करें।. यदि गिलोय का पौधा नही है तो हमदर्द या अन्य किसी ब्रांड का गिलोय पाउडर सेवन कर यह काढ़ा बना सकते है।
स्वाइन फ्लू का घरेलू उपाय कपूर
गोली के आकर का कपूर का टुकड़ा महीने में एक या दो बार लिया जा सकता है। जवान लोग इसे पानी के साथ निगल सकते है और छोटे बच्चों को यह केले के साथ मिलाकर दे सकते है, क्यूंकि इसे सीधे लेना मुश्किल होता है। याद रखिए कपूर रोजाना नहीं लेना इसे आप महीने मे 1 ही बार लें।
स्वाइन फ्लू का रामबाण इलाज नीम
नीम में हवा को सॉफ करने का गुण होता है जिससे यह वायूजनित बिमारियों के लिए कारगर है। स्वाइन फ़्लू के लिए भी। आप खून को सॉफ करने के लिए रोजाना 3-5 नीम की पत्तियों को चबा सकते हैं।
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए उपाय ग्वारपत्ता
ग्वारपत्ता आसानी से गिलोय की तरह एक पौधा है। इसकी कक्क्तस जैसी पतली और लंबी पत्तियों में सुगंध रहित जैल होती है। इस जैल को एक चम्मच में पानी के साथ लेने से स्किन के लिए बहुत अच्छा रहेगा। इससे जोड़ो का दर्द कम होगा और साथ ही इम्यूनिटी पावर बढ़ेगी।
स्वाइन फ्लू का घरेलू इलाज गुनगुना दूध
जिन लोगों को दूध से एलेर्जी नहीं है वे रोज रात को दूध मे थोड़ी हल्दी डालकर ले सकते हैं। इससे आपके स्वास्थय पर काफी लाभ मिलेगा।
स्वाइन फ्लू का घरेलू उपचार लहसुन
जो लोग लहसुन खाते है वे रोज शुबह दो काली कच्ची चबा सकते है। यह गुनगुने पानी से लिया जा सकता है। लहसुन से इम्यूनिटी ज़्यादा बढ़ती है।
स्वाइन फ्लू का इलाज के घरेलू उपाय में तुलसी की पत्तियां
दोनों तरफ से धूलि हुई तुलसी की पत्तियां रोज सुबह लें। तुलसी का अपना एक औषधीय गुण है। यह गले और फेफड़े को सॉफ रखती है और रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाकर इसके संक्रमण से बचाती है।
स्वाइन फ्लू का बचने का टिप्स प्राणायाम करें
गले और फेफड़ो को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना प्राणायाम करें और जॉगिंग करें। आपको स्वस्थ रखने के साथ ही यह बीमारी के लिए फायदेमंद है जो की नाक, गले और फेफड़ो से समन्धित है।
स्वाइन फ्लू से बचने के तरीके में विटामिन C लें
खट्टे फल और विटामिन सी से भरपूर आंवला जूस इत्यादि का सेवन करे। हालांकि आंवले का जूस हर महीने तो आपको मिलेगा नहीं ऐसे में आप पैकेड आंवला जूस भी ले सकते हैं।