मदर टेरेसा के प्रेरणादायक कथन – Mother Teresa Quotes in Hindi

Mother Teresa Quotes in Hindi: मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को युगोस्लाविया के एक गाँव में हुआ था। मदर टेरेसा एक रोमन कॅतोलिक नूं थी जिनके पास भर्ट की नागरिकता थी, मदर टेरेसा ने 1950 मे कॅल्कटा मे मिशनरीज़ ऑफ चॅरिटी की स्थापना की

इन्हे मानवता की भलाई के लिए किए गये कार्य के कारण 1962 मे पद्मा श्री, 1979 मे नोबेल सॅंटी पुरूस्कर और 1980 को भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्ना से सम्मानित किया गया. जिन को कोड से एफेक्टिव बीमार लोगो को समाज देखना पसंद न्ही करता ऐसे लोगो को निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाली इस महान आत्मा को सात सात नमन। आइए जानिए  Mother Teresa Quotes in Hindi विस्तारपूर्वक हिंदी में।

Mother Teresa Quotes in Hindi

Mother Teresa Quotes in Hindi

बिना प्रेम के कार्य करना दासता है।   ~~ मदर टेरेसा

यदि आप सौ लोगो को नहीं खिला सकते तो एक को ही खिलाइए।   ~~ मदर टेरेसा

छोटी चीजों में वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।   ~~ मदर टेरेसा

अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच पुल है।

मैं सफलता के लिए प्रार्थना नहीं करता मैं सच्चाई के लिए करता हूँ।

यीशु ने कहा है की एक दूसरे से प्रेम करो। उन्होंने यह नहीं कहा की समस्त संसार से प्रेम करो।

जहाँ जाइये प्यार फैलाइए। जो भी आपके पास आये वह और खुश होकर लौटे।

प्रेम की शुरुआत निकट लोगो और संबंधो की देखभाल और दायित्व से होती है, वो निकट सम्बन्ध जो आपके घर में हैं।

कार्य में प्रार्थना प्यार है, कार्य में प्यार सेवा है।

मदर टेरेसा के अनमोल विचार

खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते। लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते है।

मैं चाहता हूँ की आप अपने पडोसी के लिए भी चिंतित हों, क्या आप जानते हैं की आपका पडोसी है कौन ?

कल जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, चलिए शरुआत करते हैं।

दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूँज अन्नत होती है।

यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दुसरे के हैं।

“ज्यादा बच्चे” कैसे हो सकते हैं ? यह तो बहुत सारे फूलों की तरह हैं।

मुझे लगता है हम लोगो का दुखी होना अच्छा है, मेरे लिए यह यीशु के चुम्बन की तरह है।

प्रत्येक वस्तु जो नहीं दी गयी है खो चुकी है।   ~~ मदर टेरेसा

अगर आप यह देखेंगे की लोग कैसे हैं तो आप के पास उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा।

शांति की शुरुआत मुस्कराहट से होती है।   ~~ मदर टेरेसा

Mother Teresa Anmol Vichar

केवल धन देने भर से संतुष्ट न हों, धन पर्याप्त नहीं है, वह पाया जा सकता है लेकिन उन्हें आपके प्रेम की आवश्यकता है, तो जहाँ भी आप जायें अपना प्रेम सबमे बांटे।

प्रेम एक ऐसा फल है, जो हर मौसम में मिलता है और जिसे सभी पा सकते हैं ।

पेड़, फूल और पौधे शांति में विकसित होते हैं, सितारे, सूर्य और चंद्रमा शांति से गतिमान रहते हैं, शांति हमें नयी संभावनाएं देती है.

सबसे बड़ा रोग किसी के लिए भी कुछ न होना है।

एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जीया गया वह जीवन नहीं है।   ~~ मदर टेरेसा

मैं एक छोटी पेंसिल के समान हूँ जो ईश्वर के हाथ में है जो इस संसार को प्रेम का सन्देश भेज रहे हैं।   ~~ मदर टेरेसा

हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के सामान है।

यह महत्वपूर्ण नहीं है आपने कितना दिया, बल्कि यह है की देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।

वे शब्द जो ईश्वर का प्रकाश नहीं देते अँधेरा फैलाते हैं।   ~~ मदर टेरेसा

अकेलापन और किसी के द्वारा न चाहने की भावना का होना भयानक गरीबी के सामान है

आप दुनिया में प्रेम फ़ैलाने के लिए क्या कर सकते हैं ? घर जाइये और अपने परिवार से प्रेम कीजिये !

चलिए जब भी एक दूसरे से मिलें मुस्कान के साथ मिलें, यही प्रेम की शुरुआत है।

जो आपने कई वर्षों में बनाया है वह रात भर में नष्ट हो सकता है तो भी क्या आगे बढिए उसे बनाते रहिये।

कुछ लोग आपकी ज़िन्दगी में आशीर्वाद की तरह कुछ लोग एक सबक की तरह।

Read Here: Mahatma Gandhi Quotes in Hindi

Mother Teresa Short Biography in Hindi

मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा।

कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। टीटागढ़ में उनके खुद की सहायता से कालोनी को बनाने के लिये मदर टेरेसा ने उनकी मदद की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

मेरा नाम कुलदीप पंवार है में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। achisoch पर आपको Self improvement, motivational, Study tips के अलावा Health, Beauty, relationship की भी जानकारी देने की कोशिश करता हूँ।। किसी भी टिप्स या नुस्खे को आजमाने से पहले आप अपने डॉक्टर से जरूर जानकारी लें। मेरा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here