श्री कृष्ण उपदेश इन हिंदी | Bhagwat Geeta Quotes in Hindi

भगवत गीता के अनमोल वचन: भगवान श्री कृष्ण की कहानियां और उपदेश हम सदियों से अपने पूर्वजों से सुनते आए हैं। श्रीकृष्ण का हर एक वचन अनमोल है। उनके कहे विचारो की अगर हम अपनी ज़िंदगी में उतारेंगे तो हमारे जीवन मे कभी भी दुख और अशांत नहीं होगा। हम हमेशा खुश होकर अपने जीवन को जियेंगे, हम उनके द्वारा कहे कुछ चुनिंदा अनमोल वचन की लिस्ट आपके साथ शेयर कर रहे हैं जिनकी पुष्टि श्रीमद भगवत गीता में भी की गई है। आइये जानते हैं श्री कृष्ण उपदेश इन हिंदी.

Shrikrishan Quotes Hindi

Bhagwat Geeta Quotes in Hindi

कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं.

 

हे अर्जुन ! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं. मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं.

 

नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच

 

इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है.

 

वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है

 

अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ.

 

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता

 

लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे. सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर ह

 

कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है.

 

कर्म उसे नहीं बांधता जिसने काम का त्याग कर दिया है.

 

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और.

 

क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है.

 

स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है.

 

केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है.

 

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं.

 

निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है.

 

मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ.

 

ऐसा कुछ भी नहीं , चेतन या अचेतन , जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो.

 

सभी अच्छे काम छोड़ कर बस भगवान में पूर्ण रूप से समर्पित हो जाओ. मैं तुम्हे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा. शोक मत करो.

भगवत गीता के अनमोल वचन

किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े.

Shree Krishna Quotes Anmol Suvchar Hindi

मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं.

 

जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.

 

बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में आनंद नहीं लेता.

 

आपके सार्वलौकिक रूप का मुझे न प्रारंभ न मध्य न अंत दिखाई दे रहा है.

 

जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है.

 

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ. मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ.

 

तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं, और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो.बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं.

 

कभी ऐसा समय नहीं था जब मैं, तुम,या ये राजा-महाराजा अस्तित्व में नहीं थे, ना ही भविष्य में कभी ऐसा होगा कि हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाये.

 

बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए.

 

जो व्यक्ति आध्यात्मिक जागरूकता के शिखर तक पहुँच चुके हैं , उनका मार्ग है निःस्वार्थ कर्म . जो भगवान् के साथ संयोजित हो चुके हैं उनका मार्ग है स्थिरता और शांति.

 

यद्द्यापी मैं इस तंत्र का रचयिता हूँ, लेकिन सभी को यह ज्ञात होना चाहिए कि मैं कुछ नहीं करता और मैं अनंत हूँ.

 

जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं.

 

 

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है.

 

मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय.किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं , वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ.

 

जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें.

 

मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी.

 

बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच व्यक्ति जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते.

 

जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ.

 

हे अर्जुन !, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता.

Karma Bhagavad Gita Quotes in Hindi

अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है.

 

व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.

 

उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता.

 

आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो. उठो.

 

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.

 

मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ; ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक. लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ.

 

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए.

 

हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है.

 

प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं करता.

 

मेरी कृपा से कोई सभी कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी बस मेरी शरण में आकर अनंत अविनाशी निवास को प्राप्त करता है.

 

वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है. इसमें कोई शंशय नहीं है

 

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना. इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो.

 

अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है.

 

वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं.

 

भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी.

 

ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है.

 

में आत्मा हूँ, जो सभी प्राणियों के हृदय/दिल से बंधा हुआ हूँ। मैं साथ ही शुरुवात हूँ, मध्य हूँ और समाप्त भी हूँ सभी प्राणियों का।

 

सन्निहित आत्मा के अनंत का अस्तित्व है, अविनाशी और अनंत है, केवल भौतिक शरीर तथ्यात्मक रूप से खराब है, इसलिए हे अर्जुन लड़ते रहो।

 

भगवान या परमात्मा की शांति उनके साथ होती है जिसके मन और आत्मा में एकता/सामंजस्य हो, जो इच्छा और क्रोध से मुक्त हो, जो अपने स्वयं/खुद के आत्मा को सही मायने में जानते हों।

 

ऐसा कोई नहीं, जिसने भी इस संसार में अच्छा कर्म किया हो और उसका बुरा अंत हुआ है, चाहे इस काल में हो या आने वाले काल में।

 

कृष्ण की आँखों में राधा हीं राधा नजर आती है, मानो कृष्ण की आँखें, राधा की थाती है।

 

जमाने का रंग फिर उस पर नहीं चढ़ता… जिस पर कृष्ण प्रेम का रंग चढ़ जाता है वो सभी को भूल जाता है, जो साँवरे का हो जाता है।

 

प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है ठीक वैसे हीं जैसे.. प्यार में कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता है।

 

राधा ने किसी और की तरफ देखा हीं नहीं… जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गई कान्हा के प्यार में पड़कर, वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।

 

पूरी दुनिया मोह-माया में खोई हुई है मेरे कान्हा बस मैं हीं हूँ, जिसे तेरी माया जकड़ न पाई।

 

बिना देखे तेरी तस्बीर बना सकते है बिना मिले तेरा हाल बता सकते है हमारे प्यार में इतना दम है तेरे आंसू अपने आँखों में गिरा सकते है।

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मेरा नाम कुलदीप पंवार है में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ। achisoch पर आपको Self improvement, motivational, Study tips के अलावा Health, Beauty, relationship की भी जानकारी देने की कोशिश करता हूँ।। किसी भी टिप्स या नुस्खे को आजमाने से पहले आप अपने डॉक्टर से जरूर जानकारी लें। मेरा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है।

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