कोई लड़का 19 साल की उम्र में क्या कर सकता है? जबाब है बहुत कुछ! और कुछ ऐसा ही कर दिखाया था मार्क जुकरबर्ग ने जब उन्होने इस छोटी सी उम्र में अपने फ्रेंड्स के साथ मिलकर Facebook बना डाली थी। जुकरबर्ग का जन्म 14 मई 1984 को New York, U.S. में हुआ।
वह आज के दिन में फेसबुक के CEO (chief executive officer), मुख्य कार्यकारी तथा साथ ही सह-संस्थापक भी हैं । वर्ष 2015 के अंत में उनकी निजी संपत्ति 46$ अरब होने का अनुमान है। आइये जानते हैं जिंदगी बदलने वाले मार्क जुकरबर्ग के प्रेरक विचार।
Mark Zuckerberg Thoughts in Hindi
एक मिशन का निर्माण करना और एक बिजनेस का निर्माण करना साथ-साथ चलता है।
बेहतर होगा कि आप कोशिश करें और नाकामयाब हो जाएं और उससे कुछ सीखें बजाये इसके की आप कुछ करें ही नहीं।
बिजनेस का एक आसान सा नियम है, अगर आप उन चीजों को पहले करते हैं जो सरल हैं, तो आप वास्तव में बहुत अधिक प्रगति कर सकते हैं।
वो सवाल जो मैं लगभग हर दिन खुद से पूछता हूँ, ” क्या मैं वो सबसे ज़रूरी काम कर रहा हूँ जो मैं कर सकता हूँ ?”
उस चीज को खोजिये जिसे लेकर आप सुपर पैशनेट हों।
आपके घर के सामने मर रही गिलहरी अफ्रीका में मर रहे लोगों की तुलना में आपके दिलचस्पी के लिए अधिक प्रासंगिक हो सकती है।
एक अरब लोगों को कनेक्ट करने में मदद करना बहुत ही अद्भुत व सुखद है और मेरे अब तक के जीवन की वो चीज है जिस पर मुझे सबसे अधिक गर्व है।
लोग इसकी परवाह नहीं करते कि आप क्या कहते हैं, वे इसकी परवाह करते हैं कि आप क्या बनाते हैं।- मार्क जकरबर्ग
प्रश्न ये नही है कि, ‘ हम लोगों के बारे में क्या जानना चाहते हैं?’, प्रश्न ये है कि, ‘ लोग अपने बारे में क्या बताना चाहते हैं?’- मार्क जकरबर्ग
हम फेसबुक को सबसे अच्छी जगहों में से एक बनाना चाहते हैं जहाँ लोग ये सीखने के लिए जा सकें कि चीजें बनती कैसे हैं।~~Mark Zuckerberg
सीधे शब्दों में कहें: हम पैसे बनाने के लिए सेवाओं का निर्माण नहीं करते; हम पैसे बनाते हैं ताकि बेहतर सेवाओं का निर्माण कर सकें। ~~Mark Zuckerberg
मैं सबकुछ अपने फ़ोन पे करता हूँ जैसा कि बहुत से लोग करते हैं।
हम फेसबुक पे जो चीज करना चाह रहे हैं वो बस इतना ही कि लोग एक दुसरे से और अधिक कुशलता से कनेक्ट हों और कम्यूनिकेट करें ~~Mark Zuckerberg
फेसबुक स्वाभाविक तौर पर वायरल है। – मार्क जकरबर्ग
जब मैं हार्वर्ड में था तो मैंने कुछ और चीजें बनायीं थीं जो एक तरह से फेसबुक के छोटे वर्जन्स थे।
मुझे लगता है लोगों में खुद को व्यक्त करने की आन्तरिक इच्छा होती है कि वे कौन हैं। और मेरा मानना है कि ये हमेशा से अस्तित्व में थी।
हम और अधिक लोगों की सेवा करने के लिए कंपनी चला रहे हैं। – मार्क जकरबर्ग
फेसबुक में जो बात सचमुच लोगों मोटीवेट करती है वो है ऐसी चीजें बनाना जिसपे उन्हें गर्व हो। ~~Mark Zuckerberg
विज्ञापन सबसे प्रभावी ढंग से तब काम करते हैं जब वो उसी चीज से सम्बंधित हों जिसे लोग पहले से ही करने का प्रयास कर रहे हैं।
मैंने साईट तब शुरू की जब मैं 19 का था। तब मैं बिजनेस के बारे में बहुत नहीं जानता था।
मेरे सभी दोस्त जिनके छोटे भाई-बहन हैं जो कॉलेज या हाई स्कूल जा रहे हैं – मेरी सबसे ज़रूरी सलाह है – आपको प्रोग्राम कैसे करते हैं; सीखना चाहिए।
लोगों को शेयर करने की पॉवर देकर हम दुनिया को और अधिक पारदर्शी बना रहे हैं।
चालीस लाख से अधिक बिजनेसेज के फेसबुक पर पेज हैं जिसे वे अपने कस्टमर्स से बातचीत करने के लिए प्रयोग करते हैं।
शुरू में फेसबुक को एक कम्पनी के तौर पर नहीं बनाया गया था। इसे एक सोशल मिशन पूरा करने के लिए बनाया गया था – दुनिया को और अधिक ओपन और कनेक्टेड बनाना।
यूजर्स और जो लोग हमारी सेवाएँ प्रयोग करते हैं उनसे हमारा कमिटमेंट है कि फेसबुक एक फ्री सेवा है। ये अभी फ्री है। ये हमेशा फ्री रहेगी। हम विज्ञापनों और ऐसी ही चीजों से पैसे बनाते हैं।
वो लोग मेरे फ्रेंड हैं जो कूल स्टफ बनाना पसंद करते हैं। हम हमेशा ऐसे लोगों के बारे में मजाक करते हैं जो बिना कुछ वैल्युएबल बनाए बस कम्पनियाँ बनाना चाहते हैं। सिलिकॉन वैली में ऐसे बहुत से हैं।
फेसबुक की सच्ची कहानी बस इतनी सी है कि हमने पूरे समय बड़ी मेहनत से काम किया है। मेरा मतलब, जो रियल स्टोरी है वो शायद बहुत बोरिंग है , नहीं ? मेरा मतलब, हम छह साल तक अपने कंप्यूटर पर बैठ कर बस कोडिंग करते रहे।
मुझे मेरा पहला कंप्यूटर छठी क्लास के आस-पास मिला। जैसे ही ये मुझे मिला, मेरी दिलचस्पी ये जानने में हो गयी कि ये काम कैसे करता है और प्रोग्राम्स कैसे काम करते हैं और ये पता करना कि सिस्टम के अंदर गहराई में जाकर प्रोग्राम लिखे कैसे जाते हैं।
यूजर्स और जो लोग हमारी सेवाएँ प्रयोग करते हैं उनसे हमारा कमिटमेंट है कि फेसबुक एक फ्री सेवा है। ये अभी फ्री है। ये हमेशा फ्री रहेगी। हम विज्ञापनों और ऐसी ही चीजों से पैसे बनाते हैं।
मैंने साईट तब शुरू की जब मैं 19 का था। तब मैं बिजनेस के बारे में बहुत नहीं जानता था।
मुझे मेरा पहला कंप्यूटर छठी क्लास के आस-पास मिला। जैसे ही ये मुझे मिला, मेरी दिलचस्पी ये जानने में हो गयी कि ये काम कैसे करता है और प्रोग्राम्स कैसे काम करते हैं और ये पता करना कि सिस्टम के अंदर गहराई में जाकर प्रोग्राम लिखे कैसे जाते हैं।
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