Bhimrao Ambedkar Quotes in Hindi: डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को हमारे देश में एक महान व्यक्तित्व और नायक के रुप में माना जाता है तथा वह लाखों लोगों के लिए वो प्रेरणा स्रोत भी है। अच्छे विचारो से हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग भी साफ़ व सकारात्मक उर्जा से भरपूर रहता है। डॉ बी. आर. अम्बेडकर एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री, कानूनविद, राजनेता और सामाज सुधारक थे।
उन्होंने दलितों और निचली जातियों के अधिकारों के लिए छुआछूत और जाति भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संर्घष किया है। उन्होंने भारत के संविधान को तैयार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और भारतीय संविधान के निर्माताओ में से एक थे। ऐसे महान व्यक्तित्व के प्रेरणादायक कथन हमारे दिल में आज भी राज करते हैं। इसलिए यहाँ हम आपको हमारे सराहनीय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अनमोल विचार आपके साथ प्रस्तुत कर रहे हैं।
Best Bhimrao Ambedkar Quotes Hindi
पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों जैसा होना चाहिए।
मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।
जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।
यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी हैं।
एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।
मैं एक समुदाय की प्रगति का माप महिलाओं द्वारा हासिल प्रगति की डिग्री द्वारा करता हूँ।
दिमाग का विकास मानव अस्तित्व का परम लक्ष्य होना चाहिए।
हम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं।
हर व्यक्ति जो मिल का सिद्धांत जानता हो कि एक देश दूसरे देश पर राज करने में फिट नहीं है, उसे ये भी स्वीकार करना चाहिये कि एक वर्ग दुसरे वर्ग पर राज करने में फिट नहीं है।
लोग और उनके धर्म; सामाजिक नैतिकता के आधार पर सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए. अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।
हिंदू धर्म में, विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशास्त्र में संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को स्वेच्छा से कभी नहीं छोड़ा गया है जब तक कि पर्याप्त बल लगाकर मजबूर ना किया गया हो।
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
रात रातभर मैं इसलिये जागता हूँ क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।
अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
मैं तो जीवन भर कार्य कर चुका हूँ अब इसके लिए नौजवान आगे आए।
एक इतिहासकार, सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए।
मन की स्वतंत्रता ही वास्तविक स्वतंत्रता है।
न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।
Bhimrao Ambedkar Short Biography in Hindi – डॉ भीमराव अम्बेडकर की संक्षिप्त जीवनी
डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, वह आधुनिक भारत के संस्थापक भी है। वो हर भारतीय के लिए आदर्श मॉडल है। सभी सामाजिक और आर्थिक दोषों के बावजूद बाबासाहेब अम्बेडकर जी भारतीय संविधान के वास्तुकार बने।
हालांकि, वे अपने प्रारंभिक जीवन में जातिगत भेदभाव और छुआछूत का शिकार हुए थे, उन्होंने अपने अधिकारों के लिए कई लड़ाईयां लड़ी और सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष किया, वे जातिगत भेदभाव और छुआछूत से त्रस्त पीड़ितों के लिए उनकी आवाज बन कर उभरे।
वे महिलाओं सहित अधिकारहीन समुदायों के अधिकारों के लिए भी खड़े हुए। अछूतो और अन्य पिछड़े जाति के आवाज होने के साथ-साथ वो शोषित लोगों के ऱक्षक भी थे। उन्होंने जाति और धार्मिक बाधाओं के बंधनों को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किया और सफल भी हुए।
वह एक आधुनिक भारतीय नागरिक थे, उन्होंने लोगों के समग्र विकास और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने शिक्षा के महत्व को महसूस किया और पिछड़े वर्गों को सामाजिक बुराइयों के खिलाफ विरोध करने के लिए प्रेरित किया। वे एक न्यायवादी राजनेता, अर्थशास्त्री, मानवतावादी लेखक, दार्शनिक और सामाजिक सुधारक थे। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी थे। वे भारतीय इतिहास और हमारे देश के सच्चे नायक के रुप में एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति है।
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