AchisochAchisoch
  • Home
  • Business
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • News
  • Tech
  • Tips
  • Travel
Facebook Twitter Instagram
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Sitemap
Facebook Twitter Instagram
AchisochAchisoch
  • Home
  • Business
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • News
  • Tech
  • Tips
  • Travel
Contact
AchisochAchisoch
Home»Achisosh»15 August Independence Day Poems in Hindi – स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी कविताएं
Achisosh

15 August Independence Day Poems in Hindi – स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी कविताएं

By PeterDecember 14, 2023Updated:February 20, 20244 Mins Read
Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Email Telegram WhatsApp
15 August Independence Day Poems in Hindi
15 August Independence Day Poems in Hindi
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

15 August Poems in Hindi: प्रत्येक वर्ष भारत में 15 अगस्त को स्वन्त्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारत के लोगों के लिये ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है।

वर्षों की गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से इसी दिन भारत को आजादी मिली। 15 अग्स्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से देश की स्वतंत्रता को सम्मान देने के लिये पूरे भारत में राष्ट्रीय और राजपत्रित अवकाश के रुप में इस दिन को घोषित किया गया है।

इस लेख के जरिये आज हम आपको 15 August Independence Day Poems in Hindi साझा कर रहे हैं। ये कवितायेँ अपने देश से प्रेम और उन स्वतंत्रता सेनानियों पे लिखी गयी हैं जिन्होंने अपनी प्राणों की न सोचकर अपने देश के लिए अमर हो गए।

Poems on Independence Day in Hindi

15 August Poems in Hindi

“मन जहां डर से परे है
और सिर जहां ऊंचा है;
ज्ञान जहां मुक्‍त है;
और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से
छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है;
जहां शब्‍द सच की गहराइयों से निकलते हैं;
जहां थकी हुई प्रयासरत बांहें
त्रुटि हीनता की तलाश में हैं;
जहां कारण की स्‍पष्‍ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के
वीराने में अपना रास्‍ता खो नहीं चुकी है;
जहां मन हमेशा व्‍यापक होते विचार और सक्रियता में
तुम्‍हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्‍वर्ग में पहुंच जाता है
ओ पिता
मेरे देश को जागृत बनाओ”
“गीतांजलि”
– रवीन्द्रनाथ टैगोर

 

स्‍वर्ग या तोरण पथ से बेहतर
मैं तुम्‍हें प्‍यार करता हूं, ओ मेरे भारत
और मैं उन सभी को प्‍यार करुंगा
मेरे सभी भाई जो राष्‍ट्र में रहते हैं
ईश्‍वर ने पृथ्‍वी बनाई;
मनुष्‍य ने देशों की सीमाएं बनाई
और तरह तरह की सुंदर सीमा रेखाएं खींचीं
परन्‍तु अप्राप्‍त सीमाहीन प्रेम
मैं अपने भारत देश के लिए रखता हूं
इसे दुनिया में फैलाना है
धर्मों की माँ, कमल, पवित्र सुंदरता और मनीषी
उनके विशाल द्वार खुले हैं
वे सभी आयु के ईश्‍वर के सच्‍चे पुत्रों का स्‍वागत करते हैं
जहां गंगा, काष्‍ठ, हिमालय की गुफाएं और
मनुष्‍यों के सपने में रहने वाले भगवान
मैं खोखला हूं; मेरे शरीर ने उस तृण भूमि को छुआ है
– स्‍वामी योगानंद परमहंस

15 अगस्त स्वत्रंता दिवस पर हिंदी कविताएं

लोकतंत्र के सपने

एक हाथ में लोकतंत्र के सपने
दूसरे में बारूदी छर्रे!
बोलिए-हिप-हिप हुर्रे!
एक तरफ़ भूखे एहसास;
दूसरी तरफ कसाई!
जी हाँ, आपने भी
सही जगह बस्ती बसाई!
पेट में उगते हैं मौसम,
चूल्हे में सुबह-शाम!
बाकी जिंदगी तो होती है,
सड़कों पर तमाम |
आस्तीनों में पलते हैं दोस्त,
म्यानों में मिलते हैं संबंध!
मखमल के हैं संबोधन,
लेकिन टाट के हैं पैबंद!
पर, मेरे वैचारिक सहचरो!
वोट देते ही रटने लगो-
संविधानी मंत्र! वरना
फिर किस तरह बचेगा लोकतंत्र!
और अगर लोकतंत्र नहीं रहा तो
तुम्हारा पेट और चूल्हा कहाँ जाएगा?

–सुधीर सक्सेना ‘सुधि’

Yaha Padhe: 15 August Independence Day Essay in Hindi

Indian Independence Day Short Poems/ Kavita

15 August Independence Day Poems in Hindi

तलवार उठाने से पहले तुम इसीलिए
मिट जाने वालों का गौरव गान करो ||
आरती सजाने से पहले तुम इसीलिए ,
आजादी के परवानो का सम्मान करो||

जहां सूरज की थाली है
जहां चंदा की प्याली है
फिजा भी क्या दिलवाली है
कभी होली तो दिवाली है
वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल
रंगीला है समां
वही है मेरा हिन्दुस्तान

कही पे नदियाँ बलखाएं
कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं
जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी
बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजांन
वही है मेरा हिन्दुस्तान

कहीं गलियों में भंगड़ा है
कही ठेले में रगडा है
हजारों किस्में आमों की
ये चौसा तो वो लंगडा है
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया
तिरंगा सबने लहराया
तिरंगा लेकर फिरे यहाँ-वहां
वहीँ है मेरा हिन्दुस्तान

जहाँ हर चीज है प्यारी
सभी चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी ज़बांन
वही है मेरा हिन्दुस्तान

जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है
वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशांन
वही है मेरा हिन्दुस्तान

जहाँ फूलों का बिस्तर है
जहाँ अम्बर की चादर है
नजर तक फैला सागर है
सुहाना हर इक मंजर है
वो झरने और हवाएँ,
सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां
वही है मेरा हिन्दुस्तान

आइये उन लोगों को स्वतंत्रता दिवस सुन्दर सी कविताओं के जरिये इस दिन श्रद्धांजलि देते हैं।

Festival
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
Previous Articleएकाग्रता पर अनमोल विचार – Concentration Quotes In Hindi
Next Article 15 August Indian Independence Day Essay in Hindi – स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
Peter
  • Website

Welcome to Achisoch.com, where the art of expression finds its home! I'm Peter, your guide through the fascinating realms of thought, creativity, and insight. As an avid blogger on Achisoch.com, I navigate the vast landscapes of ideas, weaving words into compelling narratives that resonate with intellect and emotion.

Related Posts

Romantic Love Shayari Gujarati: પ્રેમની મીઠાશ શબ્દોમાં

April 5, 2025

महिलाओं में गंजापन दूर करने के सुझाव

December 17, 2023

Need na Aaye to Kya Kare – अच्छी नींद पाने के घरेलू उपाय

December 17, 2023

Achi Neend ke Liye Kya Kare – अच्छी और गहरी नींद आने के आसान घरेलू उपाय

December 17, 2023
Most Popular

Jalne Wale Shayari: Unko Jawab Dene Ka Shayrana Andaaz

May 26, 2025

Pariwar Shayari: Rishtey, Pyaar Aur Apnapan Ka Jazba

May 26, 2025

Shayari Girl: Jazbaat, Husan Aur Khud Se Mohabbat Ka Rang

May 26, 2025

Love Shayari Marathi for Boyfriend: प्रेमाच्या भावना व्यक्त करणारी खास शायरी

May 26, 2025
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Sitemap
Achisoch.com © 2025 All Right Reserved

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.