आप हमारे इस पोस्ट Sardar Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi पर पा सकते है। अपने बहादुर भरे कामो के कारण ही वल्लभभाई को लौह पुरुष कहा जाता है. बारडोली सत्याग्रह में अपने अमूल्य योगदान के लिये, लोगो ने उन्हें सरदार की उपमा दी.
वल्लभ भाई पटेल कौन थे
सरदार पटेल एक प्रसिद्ध वकील थे लेकिन उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी भारत को आजादी दिलाने में बितायी. आजादी के बाद ही सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के उपप्रधानमंत्री बने और भारत का विकास और भारत को एक बंधन में जोड़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार – Sardar Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi से आपको जरूर अच्छी प्रेरणा मिलेगी।
सरदार पटेल की भारत में सबसे बड़ी मूर्ति है
गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर केवडिया नामक स्थान पर अक्टूबर 2018 में Sardar Vallabhbhai Patel की प्रतिमा का उद्घाटन हुआ था। 182 मीटर ऊंचाई वाली यह प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई।
Sardar Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi
जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
अविश्वास भय का कारण है।
स्वार्थ के हेतु राजद्रोह करनेवालों से नरककुंड भरा है।
सेवा-धर्म बहुत कठिन है यह तो काँटों की सेज पर सोने के समान ही है।
मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।
Sardar Patel Quotes in Hindi
एकता के बिना जनशक्ति, शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक ढंग से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
सेवा करनेवाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।
हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
हम कभी हिंसा न करें, किसी को कष्ट न दें और इसी उद्देश्य से हिंसा के विरूद्ध गांधीजी ने अहिंसा का हथियार आजमा कर संसार को चकित कर दिया।
कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं।
जीवन में सब कुछ एक दिन में नहीं हो जाता है।
सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है, चरित्र का सुधार आवश्यक है।
सच्चे त्याग और आत्मशुद्धि के बिना स्वराज नहीं आएगा आलसी, ऐश-आराम में लिप्त के लिए स्वराज कहाँ! आत्मबल के आधार पर खड़े रहने को ही स्वराज कहते हैं।
संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।
हमें अपमान सहना सीखना चाहिए।
हर इंसान सम्मान के योग्य है, जितना उसे ऊपर सम्मान चाहिए उतना ही उसे नीचे गिरने का डर नहीं होना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक शिक्षा साथ –साथ दी जाये, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए शिक्षा इसी हो जो छात्र के मन का, शरीर का, और आत्मा का विकास करे।
वह इन्सान कभी सुख प्राप्त नहीं कर सकता जिसने कभी किसी संत को दुःख पहुंचाया हो।
मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
चर्चिल से कहो कि भारत को बचाने से पहले इंग्लैंड को बचाए।
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।
बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
भगवान के आगे झुको किसी दुसरे के आगे नहीं, हमारा सिर कभी भी झुकने वाला नहीं होना चाहिए।
बहुत बोलने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि नुकसान ही होता है।
राणियों के इस शरीर की रक्षा का दायित्व बहुत-कुछ हमारे मन पर भी निर्भर करता है।
मेरी तो आदत पड़ गई है की जहाँ पैर रख दिया, वहां से पीछे न हटाया जाए, जहाँ पैर रखने के बाद वापस लोटना पड़े, वहां पैर रखने की मुझे आदत नहीं, अँधेरे में कूद पड़ने का मेरा स्वभाव नहीं है।
यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।
बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है। जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए। जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है।
शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये, पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है।
प्रत्येक मनुष्य में प्रकृति ने चेतना का अंश रख दिया है जिसका विकास करके मनुष्य उन्नति कर सकता है।
दुःख उठाने के कारण प्राय: हममें कटुता आ जाती है, द्रष्टि संकुचित हो जाती है और हम स्वार्थी तथा दूसरों की कमियों के प्रति असहिष्णु बन जाते हैं शारीरिक दुःख से मानसिक दुःख अधिक बुरा होता है।
त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है, जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है जिसने कभी त्याग नहीं किया, वह इसका मूल्य क्या जाने।
थका हुआ इंसान दौड़ने लगे तो स्थान पर पहुँचने के बजाय जान गंवा बेठता है, ऐसे समय पर आराम करना और आगे बढ़ने की ताकत जुटाना उसका धर्म हो जाता है।
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FAQ about Vallabhbhai Patel
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म कहां हुआ था?
Ans: 31 अक्टूबर नडियाद, बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
सरदार पटेल की मृत्यु कहाँ हुई थी?
Ans: अंतिम सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली.
सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष की उपाधि किसने और क्यों दी?
Ans: नीतिगत दृढ़ता के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी।
भारत का लौह पुरुष किसे और क्यों कहा जाता है?
आपकी सेवाओं, दृढ़ता व कार्यक्षमता के कारण ही सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौहपुरुष कहा जाता है।
अगर हमारे Vallabhbhai Patel Quotes in Hindi कैसे लगे। आप इनको अपने दोस्तों को Inspire करने के लिए साँझा जरूर करे ।