डेंगू एक खतरनाक बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। डेंगू होने के प्रमुख कारण हमारी अपनी गलतियां जो हम मच्छरों को बढ़ावा देते हैं। डेंगू के प्रमुख कारण हम आपको नीचे बताएँगे। डेंगू दुनियाभर में एक खतरनाक वायरल रोग है जो संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू रोग से ग्रसित कर सकता है। लेकिन हमें इससे कैसे बचना है इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इसका उपचार आज भी किसी अस्पताल में सही तरीके से नहीं है लेकिन अगर आपको इसके लक्षण पता लग जायेंगे तो आप इससे बच सकते हैं। आइये जानते हैं डेंगू के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज, दवा, उपचार एवं परहेज Dengue Treatment in Hindi.
डेंगू के लक्षण – Dengue Symptoms in Hindi
डेंगू हवा, पानी, किसी को छूने या साथ खाने से नहीं फैलता है यह सिर्फ मादा मच्छर के काटने से फैलता है। अगर किस व्यक्ति को डेंगू है और उस व्यक्ति को मच्छर ने काट लिया तो वह मच्छर जितने लोगों को काटेगा उतने लोग डेंगू की गिरफ्त में आएंगे।
- उलटी या शरीर में लाल-लाग दाने निकल आना।
- कमजोरी होने के साथ-साथ चक्कर आना।
- दांतों और मसूड़ों से खून का निकलना।
- ब्लड प्रेशर एकदम कम होना।
- सिरदर्द, कमर या जोड़ों में दर्द का होना।
- हलकी खांसी और गले में खराश फील होना।
- बहुत तेज बुखार आना।
- बेचैनी होना।
- भूख कम लग्न दस्त लगना।
- सरदर्द की समस्या
मरीज की स्थिति गम्भीर होने पर प्लेट लेट्स (platelets) की संख्या तेजी से कम होते हुए नाक, कान, मुँह या अन्य अंगों से रक्त स्राव शुरू हो जाता है, रक्त चाप काफी कम हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा ना मिले तो रोगी कोमा में चला जाता है।
डेंगू का घरेलू इलाज – Treatment of Dengue in Hindi
1. मरीज को पीपते के पत्ते पानी में या पीस कर दिए जा सकते है . यह शरीर में प्लेटलेट्स (platelets) बढाने का काम करते है लेकिन देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर ले
2. मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों के बचाव हेतु करें।
3. नीम, तुलसी,गिलोय ,पिप्पली , पपीते की पत्तियों का रस, गेंहू के ज्वारों का रस, आँवला व ग्वारपाठे का रस डेंगू से बचाव में बहुत उपयोगी है। इनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढती है तथा डेंगू के वायरस से मुकाबला करने की ताकत आती है।
4. जितना हो सके नारियल पानी और जूस पिलाये।
5. नीम की सुखी पत्तियों एवं कर्पूर की घर में धूणी करने से मच्छर मर जाते हैं या कोने एवं पर्दों आदि के पीछे छिपे हुए मच्छर घर के बाहर भाग जाते हैं।
डेंगू से बचने के उपाय
1. कूड़ेदान में कचरा एकत्रित होता दिखाई देने पर उसे तुरंत खाली करें। क्योंकि गंदगी या गंदा हिस्सा मच्छरों के लिए प्रजनन भूमि हो सकता है। इसके अलावा, उस क्षेत्र में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए कचरे को ढंक कर रखें।
2. घर में मच्छरों के अधिक होने पर सोने के लिए आपको हर रात मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। विशेष रूप से अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो उन्हें रात के समय बिना मच्छरदानी के न सोने दें।
3. कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें। यदि पानी की जरूरत ना हो तो कूलर आदि को खाली करके सुखायें।
4. ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें।
5. मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों के बचाव हेतु करें।
6. घर में एवं घर के आसपास पानी एकत्र ना होने दें, साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
7. यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढक कर रखें। यदि जरुरत ना हो तो बर्तन खाली कर के या उल्टा कर के रख दें।
8. प्राकृतिक तरीके से घर में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए अपनी खिड़की या दरवाजे के पास तुलसी का पौधा लगाये। यह प्राकृतिक तौर पर रिपेलेंट का काम करता है जिससे इस संक्रमण की आशंका घटती है।
डेंगू का घरेलू उपचार और बचाव
1. गिलोय का काढ़ा बुखार, जुकाम, खाँसी को दूर करने में बहुत उपयोगी है। इसके लिये 3-4 इंच का अंगूठे साइज का एक टुकड़ा लेकर उसे कूट पीस लेते हैं। दो कप पानी में उबालकर आधा कप शेष रहने पर पिलाना बचाव तथा चिकित्सा दोनों में उपयोगी है।
2. पपीते की पत्तियों के रस को डेंगू में बहुत उपयोगी पाया गया है। इसके लिये कुछ पत्तों को पानी से अच्छी तरह धोकर मिक्सी या पत्थर पर पीस कर, छानकर जूस को 1-2 चम्मच मात्रा दिन में तीन-चार बार पिलाया जाता है। इससे शरीर के विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है।
3. तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर छानकर रोगी को पिलाया जाता है। डेंगू तथा अन्य वायरल ज्वरों ( Viral fever ) में यह बहुत फायदेमंद है। सर्दी (Co।d ),खाँसी ( Cough ), जुकाम में भी बहुत लाभदायक है।
4. अनार का जूस डेंगू तथा अन्य ज्वरों में बहुत उपयोगी है। अनार का जूस खून की कमी को दूर करता है।
5. ग्वार पाठे का जूस पाचन शक्ति को सही रखता है। लीवर को उत्तेजित करता है और भूख को बढ़ावा देता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति जाग्रत करता है।
6. आँवला विटामिन सी का श्रेष्ठ स्रोत है। आँवला शरीर में जाने पर शरीर लौह तत्व का ज्यादा अवशोषण करता है। जिससे खून बढ़ता है।
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