अशोका और अशोक – एक महान के नाम से भी जाने जाते हैं। वे मौर्य राजवंश के एक भारतीय सम्राट थे, जिन्होने भारतिय उपमहाद्वीप पर राजकल ईस्वीं सन 273-232 तक राज किया वी भारत के महान शक्तिशाली समृद्धि सम्राटों में से एक थे।
सम्राट अशोक को उनके बड़े साम्राज्य का कुशल प्रशासन करने तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है. इनके ज़माने का प्रतीक ‘अशोक चिह्न’ आज भारत का राष्ट्रीय चिन्ह है। इस आर्टिकल में हम महान सम्राट अशोक के अनमोल वचन – Great King Ashoka Quotes in Hindi लेकर आये हैं।
अशोक बिंदुसार का पुत्र था, बौद्ध ग्रन्थ दीपवंश में बिन्दुसार की 16 पत्नियों एवं 101 पुत्रों का जिक्र है। अशोक की माता का नाम शुभदाग्री था। बिंदुसार ने अपने सभी पुत्रों को बेहतरीन शिक्षा देने की व्यवस्था की थी। लेकिन उन सबमें अशोक सबसे श्रेष्ठ और बुद्धिमान था। प्रशासनिक शिक्षा के लिये बिंदुसार ने अशोक को उज्जैन का सुबेदार नियुक्त किया था। अशोक बचपन से अत्यन्त मेघावी था। अशोक की गणना विश्व के महानतम् शासकों में की जाती है।
सम्राट अशोक जयंती कब 2022 में?
14 अप्रैल को बौद्ध धर्म के अनुयायी एवं तीसरे मौर्य सम्राट अशोक की जयंती को आत्मज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
सम्राट अशोक महान के अनमोल विचार – Great Samrat Ashok Thoughts in Hindi
अपने धर्म की प्रगति इसी में हैं, की हम अन्य धर्म का भी सम्मान करे. ~~Ashoka अशोक
अपने धर्म का सम्मान और दुसरो के धर्म की निंदा करना किसी धर्म में नहीं बताया गया हैं. ~~Ashoka अशोक
हमें दूसरो के द्वारा बताये सिदांतो को सुनने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. ~~Ashoka अशोक
जितना कठिन संघर्स करोगे, आपके जीत कि ख़ुशी उतनी ही बढ़ जयेगी. ~~Ashoka अशोक
सफल राजा वही हैं, जिसे पता हैं जनता को किसकी जरूरत हैं. ~~Ashoka अशोक
हर व्यक्ति जो चाहे प्राप्त कर सकता हैं, बस उसकी उच्चित किमत चुकानी होगी.
सबसे महान जीत किसी का दिल जितने से होती हैं, और ये प्रेम से ही हो सकती हैं.
मेरी हद के बारे में लोग जो समझते हैं, लेकिन वो ये नहीं समझते कि मेरी इच्छा की पूरी हद क्या हैं.
आप सभी मेरे बच्चे हैं, मैं इस दुनिया में और मरने के बाद भी हद से ज्यादा आपका भला, और ख़ुशी चाहता हूँ.
जानवरों और अन्य प्राणियों को मारने वालो के लिए किसी भी धर्म में कोई स्थान नहीं हैं.
हर धर्म हमें प्रेम, करुना और भलाई का पाठ पढाता हैं, अगर हम इसी दिशा में आगे बढे तो कभी किसी के बिच कोई विवाद नहीं होगा.
अपने सम्प्रदाय की महिमा बढाने के उद्धेश्य से किसी का आदर नहीं करना चाहिए, और ना ही किसी और के सम्प्रदाय को निचा दिखाना चाहिए.
तीन कार्य जो हमें स्वर्ग कि और ले जाते हैं, “माता-पिता का सम्मान, सभी जीवो पर दया, और सत्य वचन”.
एक राजा से उसकी प्रजा की पहचान होती हैं. ~~Ashoka अशोक
अपने धर्म की प्रगति इसी में हैं कि हम अन्य धर्म का भी सम्मान करे. ~~Ashoka अशोक
अपने धर्म का सम्मान और दुसरो के धर्म की निंदा करना किसी धर्म में नहीं बताया गया हैं.
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